उपविष्ठ कोणासन (Upavistha Konasana)

By Sadhak Anshit Yoga Classes
24th August, 2018

उपविष्ठ कोणासन (Upavistha Konasana) – जानिए इसे करने का तरीका और इस आसन से मिलने वाले लाभ 

उपविष्ठ कोणासन को वाइड एंगल सीटेड फॉरवर्ड बेंड पोज़ भी कहा जाता है। यह आसन बैठकर झुकने और योगा ट्विस्ट के लिए एक अच्छी प्रारंभिक मुद्रा है। 

जैसा की हम सभी जानते है की योग शरीर के समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक साधन है। माना जाता है कि यह मन, शरीर और आत्मा को जोड़ने में मदद करता है। साथ ही यह रोगो से भी दूर रखने में मददगार है। 

आज हम आपको ऐसे ही एक फायदेमंद आसन उपविष्ठ कोणासन के बारे में बता रहे है। यह पेट व पेडू को स्वस्थ रखता है तथा ग्रोइन में खिचाव लाता है। 

इस आसन को नियमित करने से मुख्य मांसपेशियां सक्रिय होती हैं। 
यह गठिया को ठीक करने और राहत देने में सहायक है। तो चलिए जानते है Upavistha Konasana को करने का आसान तरीका तथा इसके महत्वपूर्ण फायदे। 

उपविष्ठ कोणासन करने की विधि: 

उपविष्ठ कोणासन को करने के लिए सबसे पहले बैठ जाइए, फिर पैरों को फैला लीजिये और पैरों को इस तरह फैलाये की जैसे वे आपके श्रोणि(Pelvic) के साथ 90 डिग्री का कोण बनाये। 

अपने पंजो को सीधा रखे और उंगलियों को अंदर की और मोड़े। इससे आपको अपनी पीठ के निचले हिस्से में एक कर्व महसूस होगा। यदि आप इसे नहीं कर पा रहे है तो प्राॅप का इस्तेमाल कर सकते है| आप फोम के तकिया पर बैठ जाये, इससे आपके पेल्विस में स्थिरता आएगी और नीचे की और झुकने में आसानी होगी। 

अपने हथेलियों को फर्श पर रखें, और इसे उस तरह रखना है की जिससे यह आपके कूल्हों के पीछे रहे। लम्बी और गहरी श्वास ले। श्वास इस तरह ले की आपका शरीर हल्का लगे और स्पाइन में जगह खाली प्रतीत हो। इस स्थिति में कुछ सेकंड तक रुके जब तक आपके पैरों में खिचाव अच्छा लग रहा हो। 

अब अपने पीठ के निचले हिस्से को सहारा दे। पेट से हवा को लेते हुए सांसो को छोड़े। फिर धीरे धीरे हाथों को सामने की तरफ लाये। 
जितना ज्यादा लम्बी आप सांस ले सकते है उतना ज्यादा शरीर को स्ट्रेच करे। 
आपको अपनी रीढ़ की हड्डी को तब तक स्ट्रेच करना है जब तक आप कर सके। जब आप असुविधाजनक महसूस करने लगे तब श्वास को रोके। लंबे और गहरी सांस लें और कोशिश करे की आप एक मिनट के लिए इस मुद्रा में रुक सके। 
फिर श्वास छोड़ते हुए वापस सामान्य स्थिति में आ जाये। अपने घुटनों को मोड़ लें और अपने पैरों को एक साथ कर ले। 

सावधानिया: 

यदि आपके पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो तो आप इस आसन को करते समय एक कंबल या एक ब्लॉक पर बैठें। 

उपविष्ठ कोणासन के फायदे: 

यह आसन पैरों के अंदरूनी भाग और पैरों के पीछे एक अच्छा खिंचाव देता है I 
उपविष्ठ कोणासन करने से पेट के अंग टोंड होते है। 
इसे नियमित करने से रीढ़ की हड्डी में मजबूती आती है। 
यह आसन पैर चौड़े करके खड़े होने वाले आसन को करने में मदद करता है? 
उपविष्ठ कोणासन गुर्दों को डेटॉक्स भी करता है और आपके हैमस्ट्रिंग को स्ट्रेच करता है। 
यह आसन आपके शरीर को आराम पहुँचाता है और आपके दिमाग को भी शांति प्रदान करता है| 


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