शंख प्रक्षालन विधि, लाभ और सावधानियां

By Sadhak Anshit Yoga Classes
1st July, 2019

शंख प्रक्षालन का अर्थ

आपके मन में शवाल उठ रहा होगा कि शंख प्रक्षालन किया है? आज आपको हम शंख प्रक्षालन के विधि, लाभ एवं सावधानियां के बारे में बताने जा रहे हैं। शंख प्रक्षालन एक क्लींजिंग योगाभ्यास है जो आपके को टॉक्सिन्स, विषैले पदार्थ एवं अन्य बेकार तत्व से आपके शरीर को बचाता है। इस तरह से इस योग के अभ्यास करने से आप सेहतमंद ही नहीं रहते बल्के बहुत सारी बिमारियों से महफूज़ रहते हैं। शंख प्रक्षालन को वारिसार क्रिया भी कहते हैं। शंख प्रक्षालन दो शब्दों का बना हुआ है-शंख जिसका प्रयोग आंतों के लिए किया गया है क्योंकि आंतें भी शंख के भीतरी भाग के समान जटिल होती हैं ‘प्रक्षालन’ का अर्थ होता है साफ करना या धोना। इस तरह से देखा जाये तो शंखप्रक्षालन की ऐसी शोधन योग क्रिया है जो आंतों को साफ करता है। लेकिन एक बात का ध्यान रहे कि शंख प्रक्षालन हमेशा किसी विशेषज्ञ के निगरानी में ही करनी चाहिए।

घेरंडसंहिता में इस शोधन क्रिया को इस तरह से दर्शाया गया है।

आकण्ठं पूरयेद्वारि वक्त्रेण च पिबेच्छनैः।

चालयेदुदरेणैव चोदराद्रेचयेदधः।।

वारिसारं परं गोप्यम्—।। -घे-सं-1/17-18

इसका अर्थ हुआ शंखप्रक्षालन एक ऐसी विशेष योग व्यायाम जिसकी सहायता से जल को आंतों से गुजारा जाता है और आंतों की गंदगी दूर हो जाती है।

शंख प्रक्षालन विधि

शंख प्रक्षालन का ज़्यदा से ज़्यदा फायदा उठाने के लिए आपको इसके स्टेप्स एवं विधि को अच्छी तरह से समझनी चाहिए। यहां पर आपको शंखप्रक्षालन कैसे किया जाये, सरल रूप में बताया जा रहा है।

सबसे पहले आप कागासन में बैठें तथा कम से कम तीन गिलास गुनगुना नमकीन पानी लें।

हठरत्नावली में नमकीन पानी के बजाय गुड़ से मीठे किए गए पानी, नारियल पानी अथवा दूध वाले पानी के प्रयोग का जिक्र मिलता है (1/50), जिसे गर्दन तक लेना चाहिए तथा अपनी सामर्थ्य के अनुसार पानी और वायु को रोकना चाहिए।


जब आप पानी पी ले तो तुरंत बाद ही नीचे दिए गए आसनों का अभ्यास करें और सही क्रम में करें।

सर्पासन

हस्तेत्तानासन

कटिचक्रासन

उदराकर्षणासन

ऊपर दिए गए आसनों को चार-चार बार दोहराएं यानि आपको चार बार दाएं एवं चार बार बाएं झुकना है।


अपने हिसाब से एक बार फिर पानी पिये और ऊपर दिए गए आसनों को फिर से दो बार दोहराएं।

जैसे ही मल त्याग ने की इच्छा हो शौचालय से फ्री हुएं।

पहले ठोस, उसके बाद अर्द्धठोस मल आएगा और अंत में पीला पानी आएगा।

इसके बाद एक गिलास पानी और लें तथा चारों आसन तेजी से दोहराएं। इस बार शौच में केवल तरल पदार्थ आएगा।

पानी लेना तथा आसन दोहराना तब तक जारी रखें, जब तक शौच में साफ पानी न आने लगे।

अंत में दो या तीन गिलास सादा गुनगुना पानी बिना नमक के लें तथा कुंजल क्रिया करें ताकि शौच से जारी पानी को रोका जा सके।


शंख प्रक्षालन के लाभ

पाचन तंत्र के शुद्धिकरण एवं विषैले तत्वों से बचाने के लिए यह क्रिया अत्यधिक प्रभावी है।

यह शोधन क्रिया आंतों को सामान्य कार्य करने योग्य बनाती है।

पेट की गैस, कबि्ज़यत, अम्लता, अपच जैसी चीजों से आपको नजात दिलाती है।

माहवारी की पीड़ा, दमा, मुंहासों तथा छालों से मुक्ति दिलाती है।

यह मूत्र संबंधी संक्रमण तथा गुर्दे में पथरी होने से रोकती है।

यदि उपवास या आंशिक उपवास किया जाए तो इस क्रिया के लाभ बढ़ जाते हैं।

फ़ास्ट फूड्स, सुस्त जीवनशैली अथवा अंगों के ठीक से काम नहीं करने के कारण आंतों की प्राकृतिक सफाई नहीं हो पाती है इस स्थिति में यह आंतों की गड़बड़ी दूर करती है।

आंतों में गंदगी जमने और उसको सही तरीके से साफ करने के लिए यह अत्यंत लाभकारी योगाभ्यास है।

शंखप्रक्षालन क्रिया से मस्तिष्क की काम करने की ताकत बढ़ जाती है और आदमी में तरो ताजगी आ जाती है।


शंख प्रक्षालन की सावधानियां

शंख प्रक्षालन की सावधानियों को जानना बहुत ही जरूरी है और हमेशा ध्यान रहे इस योग क्रिया को किसी योग विशेषज्ञ के सामंने करनी चाहिए। विशेषज्ञ के द्वारा बताये गई बातों का पालन करनी चाहिए।

यह योग क्रिया के बाद आपको गर्म पानी से नहान चाहिए, ठंडे पानी का उपयोग नहाने में एकदम नहीं करनी चाहिए।

शरीर को ठंडी हवा से बचाने के लिए तुरंत नहाने के बाद शरीर पर वस्त्र रखें।

शंखप्रक्षालन क्रिया के बाद खाली पेट नहीं रहनी चाहिए।

इस योग क्रिया समाप्त होने के बाद 1 घंटे के भीतर भोजन ग्रहण करें।

मूंग की दाल की खिचड़ी घी के साथ लेना उपयुक्त होगा।

काली मिर्च, सिरका तथा खट्टे पदार्थ लेने से बचें।

इस क्रिया के उपरांत 24 घंटे तक दूध और दही न लें।

अत्यधिक ठंडे अथवा बादलों वाले दिन शंखप्रक्षालन नहीं करनी चाहिए।

उच्च रक्तचाप, हर्निया, मिर्गी, हृदय रोग तथा बवासीर के रोगियों को यह क्रिया नहीं करनी चाहिए।


लघु शंख प्रक्षालन किया है?

यह शंख प्रक्षालन का छोटा रूप है जिसमें स्टेप्स को कुछ जल्दी ही किया जाता है। इसमें आसनों को दो -दो बार दोहराएं यानि आपको दो बार दाएं एवं दो बार बाएं झुकना है। अपने हिसाब से एक बार फिर पानी पिये और आसनों को फिर से दो बार दोहराएं। जैसे ही मल त्याग ने की इच्छा हो शौचालय से फ्री हुएं। पानी लेना तथा आसन दोहराना तब तक जारी रखें, जब तक शौच में साफ पानी न आने लगे। कुंजल क्रिया करें और शौच को रोकने की कोशिश करें

Tags:

WhatsApp Google Map

Safety and Abuse Reporting

Thanks for being awesome!

We appreciate you contacting us. Our support will get back in touch with you soon!

Have a great day!

Are you sure you want to report abuse against this website?

Please note that your query will be processed only if we find it relevant. Rest all requests will be ignored. If you need help with the website, please login to your dashboard and connect to support