बद्ध-पद्मासन
बद्ध-पद्मासन के लाभ और विधि:
योग में बद्ध पद्मासन एक विशेष स्थान रखता है। बद्ध पद्मासन में दोनों हाथों से शरीर को बांधा जाता है। इसलिए इसे बद्ध पद्मासन कहा जाता है। इस आसन को भस्मासन भी कहा जाता है। यह आसन कठिन आसनों में से एक है। वैदिक वाटिका आपको बता रही है बद्ध पद्मासन के फायदे और इसे करने का तरीका।
सबसे पहले जानते हैं बद्ध पद्मासन योग के फायदे:
•इस आसन से दुबलापन दूर होता है और शरीर में ताकत आती है।
•छाती चौड़ी होती है।
•गर्दन, पीठ और पीठ का दर्द ठीक होता है।
जो लोग कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं उनके लिए यह आसन बहुत फायदेमंद होता है।
•फेफड़े, जिगर और दिल संबंधी रोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
•रक्त संचार तेज होता है।
बद्ध पद्मासन को करने का तरीका:
•सबसे पहले आप जमीन पर कोई दरी या कंबल बिछाकर बैठ जाएं। आपकी एड़ियां पेट के निचले भाग से सटी हुई हों।
•पंजे जांघों से बाहर निकालें अब अपनी बांई भुजा को पीछे की ओर ले जाएं। जैसा चित्र 1 में दिखया गया है।
•बाएं हाथ से बांए पैर का अंगूठा पकड़ें।
ठीक एैसे ही दांए हाथ को पीछे की ओर ले जाकर दांए हाथ से दांए पैर के अंगूठे का पकड़ लें।
•कमर और रीढ़ की हड्डी को सीधा कर लें।
और आंख को बंद कर दें।
•आराम से लंबी लंबी सांस लेते और छोड़ते रहें।
जितनी देर हो सके उतनी देर तक ही इस आसन में बैठे रहें।
सावधानी:
•मोटे लोग यह आसन ना करें।
•कमर या हाथ की हड्डी यदि टूटी हुई हो तो वे भी इस आसन को ना करें।
•इस योग को किसी योगाचार्य की देखरेख में ही करें।
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