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By Sadhak Anshit Yoga Foundation
1st July, 2018
जानिए उत्तानासन करने की विधि और इसके स्वास्थ्य लाभ:
उत्तानासन करने से शरीर के बहुत से फायदे होते हैं। यह सिर में रक्त संचार को बढ़ाने करने में मदद करता है साथ ही कमर को मजबूती देने में मदद करता है।
उत्तानासन का मतलब स्ट्रैच पोज होता है। उत्तानासन को अंग्रेजी में स्टैडिंग फॉरवर्ड पोज भी कहते हैं। यह आसन करने से शरीर को बहुत फायदे होते हैं। इस आसन को करने के दौरान आपका सिर आपके हृदय के नीचे होता है। जिससे आपके पैरों के बजाय आपके सिर में रक्त परिसंचरण होता है। साथ ही आपकी कोशिकाओं को ऑक्सीजन देता है। तो आइए उत्तानासन करने की सही विधि और इससे होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।
उत्तानासन करने से पहले रखें इन बातों का ध्यान:
इस आसन को करने से पहले आपका पेट बिल्कुल खाली होना चाहिए। अगर आप खाने के बाद इस आसन कर कर रहे हैं तो इस बात ध्यान रखें कि आपने कम से कम 4-6 घंटे पहले खाना खाया हो। इतने अंतराल में आपका भोजन पच चुका होगा। भोजन पच जाने के बाद आपको आसन करने के लिए ऊर्जा मिलेगी। अगर यह योग सुबह किया जाए तो सबसे अच्छा माना जाता है। लेकिन अगर आप किसी कारण सुबह आसन नहीं कर पा रहे हैं तो शाम के समय भी कर सकते हैं।
उत्तानासन करने का तरीका:
इसे करने के लिए सबसे पहले किसी किसी मैट पर खड़े हो जाएं और अपने हाथ अपने कूल्हों पर रखें। साथ ही सांस लें।
अब सांस छोड़ते हुए अपने कूल्हों की तरफ से मुड़ते हुए अपने घुटनों की तरफ मुड़ें। आपको अपने वजन का संतुलन बनाए रखना है। इसे करने के लिए आप अपने कूल्हों को थोड़ा पीछे की तरफ ले जाना चाहिए क्योंकि आपका शरीर थोड़ा सा आगे की तरफ बढ़ता है।
ध्यान रहे आपके घुटने नरम रहे। इससे आपके नितंबो को ऊपर होने और कूल्हे को ऊपरी जांघों की तरफ आगे बढ़ने में मदद मिलती है।
अपने हाथों को अपने पैरों के आगे फर्श पर आराम करने दें। आपके पैर एक दूसरे के सामांतर होने चाहिए और आपकी दूसरी और बीच की अंगुली आगे की तरफ होनी चाहिए। अपनी छाती को पैरों के बीच में करें। अपने कूल्हे की हड्डियों में खिंचाव महसूस करें। अगर आपको यह खिंचाव कमर में महसूस होता है तो आप इसे गलत तरीके से कर रहे हैं।
आपको हैमस्ट्रिंग(जांघ) में खिंचाव महसूस होना चाहिए अगर आपको ऐसा नहीं हो रहा है तो अपने घुटनों को थोड़ा सा चौड़ा लें।
अपनी जांघों की तरफ मुड़ें और खुद को एड़ी की तरफ मोड़ें।
अब अपना सिर फर्श तक पहुंच जाएगा तो इसे थोड़ी देर लटके रहने दें और अपने पैरों के माध्यम से देखें। अब इसी मुद्रा में थोड़ी देर रहें।
जब आप इस मुद्रा से बाहर आना चाहते हैं तो पेट की मांसपेशियों को अनुबंधित करें। सांस लें और अपने हाथों को अपने कूल्हे पर रखें। आपके पबियों और छाती की हड्डी के बीच में थोड़ी सी दूरी रहे और धीरे-धीरे खड़े हा जाएं।
उत्तानासन करने के फायदे:
इस आसन को करने से आपकी कूल्हे, हैमस्ट्रिंग और कमर में खिंचाव आता है।
यह आपके दिमाग को शांत करता है और चिंता को दूर करने में मदद करता है।
यह आसन सिरदर्द और अनिद्रा को कम करने में मदद करता है।
इस तरह से झुकने से आपके पाचन अंगों को अच्छी मसाज मिलती है और आपके पाचन में सुधार होता है।
आपकी किडनी और फेफड़े सक्रिय होते हैं।
यह आसन आपके हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा, इनफर्टिलिटी की परेशानी को दूर करने में मदद करता है।
उत्तानासन करते समय बरते यह सावधानियां:
अगर आपको कमर में चोट ग्लूकोमा जैसी परेशानी हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए।
अगर आपको कमर में चोट लगी हुई है तो आप यह आसन घुटनों को मोड़ कर भी कर सकते हैं। इसे करते समय आप अपने हाथ दीवार पर भी रख सकते हैं।
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