बद्ध पद्मासन योग के फायदे

By Sadhak Anshit Yoga Classes
17th March, 2019

पद्मासन का अर्थ और उसके करने का तरीका : “पद्म” अर्थात् कमल। जब यह आसन किया जाता है, उस समय वह कमल के समान दिखाई पड़ता है। इसलिए इसे ‘पद्मासन’ नाम दिया गया है। यह आसन “कमलासन’ के नाम से भी जाना जाता है। ध्यान एवं जाप के लिए इस आसन का मुख्य स्थान होता है। यह आसन पुरुषों और स्त्रियों दोनों के लिए अनुकूल

योग में बद्ध पद्मासन एक विशेष स्थान रखता है। बद्ध पद्मासन में दोनों हाथों से शरीर को बांधा जाता है। इसलिए इसे बद्ध पद्मासन कहा जाता है। इस आसन को भस्मासन भी कहा जाता है। यह आसन कठिन आसनों में से एक है। वैदिक वाटिका आपको बता रही है बद्ध पद्मासन के फायदे और इसे करने का तरीका।

सबसे पहले जानते हैं बद्ध पद्मासन योग के फायदे इस आसन से

दुबलापन दूर होता है और शरीर में ताकत आती है।
छाती चौड़ी होती है।
गर्दन, पीठ और पीठ का दर्द ठीक होता है।
जो लोग कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं उनके लिए यह आसन बहुत फायदेमंद होता है।
फेफड़े, जिगर और दिल संबंधी रोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
रक्त संचार तेज होता है।

बद्ध पद्मासन करने की विधि
भूमि पर दोनों पैर फैला कर सीधे बैठे।
फिर दायाँ पैर बाएँ पैर की जाँघ पर और बायाँ पैर दाएँ पैर की जाँघ पर रखें।
वैसे कुछ लोगों को पहले दाएँ जाँघ पर बायाँ पैर और फिर बाई जाँघ पर दायाँ पैर रखने में आसानी होती है।आप चाहे तो ऐसा भी कर सकते है।
फिर इमेज (चित्र) में बताए अनुसार दोनों हाथों के अंगूठो को तर्जनियों के साथ मिला कर बायाँ हाथ बाएँ पैर के घुटने पर और दायाँ हाथ दाएँ पैर के घुटने पर रखें। याद रहे की हथेलियाँ ऊपर की ओर हों।
मेरुदंड और मस्तक सीधी रेखा में रखें।
आँखों को बंद या खुली रखें।
सबसे पहले आप जमीन पर कोई दरी या कंबल बिछाकर बैठ जाएं। आपकी एड़ियां पेट के निचले भाग से सटी हुई हों।
पंजे जांघों से बाहर निकालें अब अपनी बांई भुजा को पीछे की ओर ले जाएं। जैसा चित्र में दिखया गया है।
बाएं हाथ से बांए पैर का अंगूठा पकड़ें। ठीक एैसे ही दांए हाथ को पीछे की ओर ले जाकर दांए हाथ से दांए पैर के अंगूठे का पकड़ लें


बद्ध पद्मासन करने के लाभ
जप, प्राणायाम, धारणा, ध्यान एवं समाधि के लिए इस आसन का उपयोग होता है।
इस आसन से अंत: स्रावी ग्रंथियां (endocrine glands) की कार्यक्षमता बढती हैं।
यह आसन दमा, अनिद्रा तथा हिस्टीरिया (उन्माद) जैसे रोग दूर करने में सहायक होता है।
अनिद्रा के रोगियों के लिए तो यह आसन बहुत प्रभावकारी होता है।
यह आसन शरीर की स्थूलता और मोटापा कम करने में भी सहायक होता है। इस आसन से जीवनशक्ति (vitality) की वृद्धि होती है।
इस आसन के अभ्यास से जठराग्नि (पाचन तन्त्र) तीव्र बनती है और भूख भी बढ़ती है।
मोट लोग यह आसन ना करें।
कमर या हाथ की हड्डी यदि टूटी हुई हो तो वे भी इस आसन को ना करें।
इस योग को किसी योग जानकार की रेख देख में ही करें।


बद्ध पद्मासन में सावधानी


गर्भवती महिलाओं को इस आसन का अभ्यास नहीं करनी चाहिए।
रीढ़ में अकड़न से पीडि़त व्यक्तियों को यह आसन सावधानीपूर्वक करना चाहिए।
एसिडिटी या पेट में दर्द हो तो इस आसन के करने से बचना चाहिए।
घुटने में ज़्यदा परेशानी होने से इस आसन के अभ्यास से बचें।
गर्दन में दर्द होने से इसको सावधानीपूर्वक करें।

Tags:

WhatsApp Google Map

Safety and Abuse Reporting

Thanks for being awesome!

We appreciate you contacting us. Our support will get back in touch with you soon!

Have a great day!

Are you sure you want to report abuse against this website?

Please note that your query will be processed only if we find it relevant. Rest all requests will be ignored. If you need help with the website, please login to your dashboard and connect to support