चक्रासन योग पीठ के बल लेट कर किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण योगाभ्यास है। चक्रासन दो शब्दों से मिलकर बना है -चक्र का अर्थ पहिया होता है और आसन से मतलब है योग मुद्रा।
इस आसन की अंतिम मुद्रा में शरीर पहिये की आकृति का लगता है इसलिए यह नाम दिया गया है।
वैसे तो चक्रासन के बहुत सारे लाभ है फिर भी अगर आपको अपनी बुढ़ापे को रोकना और जवानी को बरकरार रखना हो तो चक्रासन योग का अभ्यास जरूर करें।
इस योगाभ्यास के बाद धनुरासन करना चाहिए ताकि शरीर संतुलन में बना रहे।
चक्रासन योग में शरीर का आकार चक्र / पहिए के समान होने के कारण इसे Wheel Pose भी कहा जाता हैं। धनुरासन के विपरीत होने के कारण इसे उर्ध्व धनुरासन भी कहा जाता हैं। चक्रासन यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाने की लिए एक श्रेष्ठ आसन हैं।
चक्रासन की विधि :
•भूमि पर बिछे हुए आसन पर चित्त होकर लेट जायें।
•घुटनों से पैर मोड़ कर ऊपर उठायें। पैर के तलुवे ज़मीन से लगे रहें।
•दो पैरों के बीच करीब डेढ़ फीट का अन्तर रखें।
दोनों हाथ मस्तक की तरफ उठाकर पीछे की ओर दोनों हथेलियों को ज़मीन पर जमायें।
•दोनों हथेलियों के बीच भी करीब डेढ़ फीट का अन्तर रखें।
•अब हाथ और पैर के बल से पूरे शरीर को कमर से मोड़कर ऊपर उठायें।
`हाथ को धीरे-धीरे पैर की ओर ले जाकर स्मपूर्श शरीर का आकार वृत्त या चक्र जैसा बनायें।
आँखें बन्द रखें। श्वास की गति स्वाभाविक चलनें दें।
•चित्तवृत्ति मणिपुर चक्र (नाभि केन्द्र) में स्थिर करें।
•आँखें खुली भी रख सकते हैं। एक मिनट से पाँच मिनट तक अभ्यास बढ़ा सकते हैं
चक्रासन योग के लाभ
चक्रासन योग के अनगिनत फायदे हैं। यहां पर आप को इसके कुछ खास लाभ का जिक्र किया जा रहा है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि आप इस योगाभ्यास से ज़्यदा से ज़्यदा लाभ उठा सकते हैं अगर ऊपर बताये गए तरीके का अनुसरण करते हैं।
चक्रासन के फायदे :
चक्रासन पेट की चर्बी के लिए : अगर आप पेट की चर्बी से हैं परेशान तो चक्रासन आपके लिए एक बेहतरीन योगाभ्यास है। इस आसन में इतनी क्षमता है की यह आपके पेट की चर्बी को कम कराते हुए इसे फ्लैट कर दे। एक सप्ताह के अंदर ही आपको इसके अच्छे नतीजे सामने आने लगेंगे।
चक्रासन बुढ़ापे को रोकता है: कहा जाता है कि यह आसन करने से वृद्धावस्था देर से आती है और आपके युवा अवस्था को बरकरार रखती है। आप यह भी कह सकते हैं कि आपके उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को यह योगाभ्यास धीमा कर देता है।
चक्रासन त्वचा की खूबसूरती के लिए: इस आसन में जब आप अपने सिर को नीचे लटकाते है तो खून का प्रवाह ज़्यदा हो जाता है जो आपके चेहरे के निखार में बहुत मददगार है।
चक्रासन रीढ़ की हड्डी के लिए रामबाण: आजकल की जीवन शैली में अक्सर लोग स्पाइन की समस्याएं से जूझ रहे हैं। लेकिन यह आसन का अभ्यास आपको मेरुदंड की हर परेशानियों से निजात दिला सकता है। यह आपके रीढ़ की हड्डी को लचीला एवं मजबूत बनाता है।
चक्रासन कमर पतली करने के लिए: आप मोटी कमर से परेशान ही तो चक्रासन का अभ्यास करें।
चक्रासन छाती को चौड़ा करता है: यह आपके छाती को चौड़ा करते हुए फेपड़े से सम्बन्धित परेशानियों को दूर करता है।
चक्रासन कंधो के लिए: यह आपके कंधों एवं घुटनों को मजबूत बनाता है।
पाचन तंत्र के लिए: यह आपको स्वस्थ रखते हुए पाचन संबंधी परेशानियों को दूर करता है।
स्वस्थ ह्रदय: यह आपके ह्रदय को स्वस्थ रखता है।
शरीर में स्फूर्ति: यह योगासन आपके शरीर में स्फूर्ति ले कर आता है।
चक्रासन योग में सावधानियां:
•यह आसन थोड़ा कठिन है कभी भी इसे करने में जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।
•हृदय की समस्याओं में इसको नहीं करना चाहिए।
•उच्च रक्तचाप में इसको करने से बचे।
•चक्कर आने की स्थिति में इसे नहीं करना चाहिए।
•पेट में सूजन आने तथा हर्निया से पीड़ित व्यक्तियों को यह यह आसन नहीं करना चाहिए।
•ज्यादा कमर दर्द पैर इसका अभ्यास मत करें।
•जो चक्रासन न कर पाए उसे अर्धचक्रासन करनी चाहिए।
•हर्निया , नेत्र दोष एवं गर्दन की दर्द में इसे न करें।